शनिवार, 3 नवंबर 2012

छत्तीसगढ़ महिमा-2

छत्तीसगढ़ महिमा-2 
गुरमटिया सुरमटिया सफरी।एच एम टी मासूरी बपरी।। 
कुबरि-मुहर दुबराज जवाफुल।सुरता अतके आइस ढुलमुल।।
खैरी गुलाबी चना प्रकार। तिवरा मसरी राहेर दार।।
 नइ कर सकौं फसल के गिनती। लहलहाय नित अत्केच बिनती।।
    आमा सीताफल मूंगफल्ली। आय कुसियार जनक गुड़-डल्ली।।


 
 
नई ये चिंता साग-भाजि के। खावत जावौ रांध रांध के।।
 
धन्य हे छत्तीसगढ़ महतारी। हम सबके तंय पालन हारी।।
तीरथ सकल इहें हे दाई। तोला छोड़ कहूं नइ जाई।।
  छत्तिसगढ़-प्रयाग ए राजिम। राजिवलोचन धाम ए राजिम।
 
 

डेरा माँ दुर्गा के कई ठन। नाना रूप म बइठे दइ मन।।
 रतनपूर माता महमाई। डोंगरगढ़ बैठे बमलाई।।
चंद्रपूर चंद्रहासिनि दाई। माता-सेवा बड़ सुखदाई।।

माई बमलेश्वरी मंदिर 
 
  मंदिर भीतर बिराजे हे माता  
अभी अउ बांचे हे ........अगोरौ अभी ( =इन्तेजार करें)
जय जोहार .....

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चित्र सादर आभार आप मेरे ब्लॉग पर आये जिसके कारण आपके ब्लोग्स की जानकारी हुई

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  2. बहुत सुन्दर चित्र-

    बढ़िया कवित्त ।

    बधाई मित्र ।।

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  3. बहुत सुन्दर चित्र कई जानकारी भी मिली आभार

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