रविवार, 11 नवंबर 2012

छत्तीसगढ़ महिमा - समापन

छत्तीसगढ़ महिमा - समापन 
मंदिर मंदिर म देवता धामी। बिनती करन कुमारग गामी ।।
बरसै किरपा तुहंर दिन रात। रहै न एकौ बिन रोटी भात।।    
'छत्तीसगढ़' के राखौ लाज। पहिरै सुग्घर राज के ताज    
लिख परेंव "महिमा हे जारी"। गुन गुन लिखना परगे भारी।।
बिनती हे दुनो हाथ जोरि के। करौं समापन मन मरोरि के।
भरे नइ ये भेजा म कांही। पाके ज्ञान इहं फेर अवाही।।
चरन छत्तिसगढ़ दाइ के, पकड़ नवावों माथ।
जम्मो हीतु पिरोतु के, चाही मोला साथ।।
जय छत्तीसगढ़ ... जय जोहार  
     
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शनिवार, 3 नवंबर 2012

छत्तीसगढ़ महिमा-2

छत्तीसगढ़ महिमा-2 
गुरमटिया सुरमटिया सफरी।एच एम टी मासूरी बपरी।। 
कुबरि-मुहर दुबराज जवाफुल।सुरता अतके आइस ढुलमुल।।
खैरी गुलाबी चना प्रकार। तिवरा मसरी राहेर दार।।
 नइ कर सकौं फसल के गिनती। लहलहाय नित अत्केच बिनती।।
    आमा सीताफल मूंगफल्ली। आय कुसियार जनक गुड़-डल्ली।।


 
 
नई ये चिंता साग-भाजि के। खावत जावौ रांध रांध के।।
 
धन्य हे छत्तीसगढ़ महतारी। हम सबके तंय पालन हारी।।
तीरथ सकल इहें हे दाई। तोला छोड़ कहूं नइ जाई।।
  छत्तिसगढ़-प्रयाग ए राजिम। राजिवलोचन धाम ए राजिम।
 
 

डेरा माँ दुर्गा के कई ठन। नाना रूप म बइठे दइ मन।।
 रतनपूर माता महमाई। डोंगरगढ़ बैठे बमलाई।।
चंद्रपूर चंद्रहासिनि दाई। माता-सेवा बड़ सुखदाई।।

माई बमलेश्वरी मंदिर 
 
  मंदिर भीतर बिराजे हे माता  
अभी अउ बांचे हे ........अगोरौ अभी ( =इन्तेजार करें)
जय जोहार .....

गुरुवार, 1 नवंबर 2012

छत्तीसगढ़ महिमा

सुमिरौं देवी देवता, करौं तोला प्रनाम।
छत्तिसगढ़-महिमा जानौ, हवे इहें चारो धाम।।
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जय जय छत्तीसगढ़ महतारी। जन जन जन के तंय दुःख हारी।।
दूर दराज ले मानुष आथे। ओला छत्तिसगढ़ भा जाथे।।
छत्तिसगढ़िया के मुख्य चिन्हारी। जोतै नांगर धरै तुतारी।।
पहुना-पूजा धरम निभावै। भूख मरत कउनो नहि जावैं ।।
 भुइयां तोर हे बड़ उपजाऊ। हवय बड़ा पूँजी बरसाऊ।।   
धान कटोरा तंही कहाथस। नाना किसिम-धान उपजाथस।।
                                  क्रमशः ......
जय जोहार .........