अपन भाखा के हंसी ठिठोली
मंगलवार, 14 अप्रैल 2015
लचक गे घेंच
लचक गे घेंच
एंड्रॉयड मोबाइल
बना डरे हे सबला उतियाइल
वाह रे फेस बुक अऊ व्हाट्सएप
गर्दन ल कर डरे हे डाउन, नई रहय अप
भले लचक जाय तुंहर घेंच
इही म चलन दौ अपन अपन दांव
घुमावत रहौ पेंच....
जय जोहार...
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