पहाड़ा पढ़े के उटपुटांग तरीका
(1)
दू एकम दू
पढ़े भर ले काम नई चले
कढ़े ल परथे घलो
नई त रहि जाथें भोंदू
(2)
दू दुनी चार
एति ओती मन झन दउड़ा
रख सुग्घर बिचार
(3)
दू तिया छै
भीख मांग खाए ल झन परे
मेहनत करे ले कभू झन डरे
पचरा म कखरो कभू झन परे
बोलव बोलावौ प्रेम से भइया
सियाराम की जै
(4)
दू चौके आठ
बैर भाव दुष्टाई ल छोड़के
प्रेम प्यार तइयार मदद बर
एखर पढ़व पढ़ावव पाठ
(5)
दू पंचे दस
बिपत के मारे ल तुरतेच थेघौ (सहारा दौ)
ईमानदारी के रद्दा म रेंगौ
बईमानी करे बर कोनो कतको उकसावै
होना नई ये अपन रद्दा ले
हमला कभू टस ले मस
(6)
दू छक्के बारा
जब देखै दुश्मन छटकार के आंखी (आँख तरेरे)
ओखर झट कर दौ वारा न्यारा
(7)
दू सत्ते चौदा
धरती म अंवतरे ले पहिली
जिए मरे ले मुक्ति पाए बर
सत्करम कर जिनगी जिए के
होए रथे सौदा ....
(लेकिन मानन नही ... लगे रथन परपंच म )
(8)
दू अट्ठे सोला
दिन रात लगे रथन तोरी मोरी म
करत रथन तोला मोला
(9)
दू निया अट्ठारा
दई ददा काकी कका ले प्यारा
हो जथे टुरा बर, सास ससुर
सारी सारा
(10)
दू दहाम बीस
अद्भुत पहाड़ा पढ़ के झन गुसियाहू
झन डरिहौ दांत ल पीस
..........जय जोहार
अदभुत, उम्दा प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: मातृभूमि,
निमन, लाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
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